छूपा के इरादे जब रख लिया जाता है

छूपा के इरादे जब रख लिया जाता है
सामने में कुछ और कह दिया जाता है

मनमाफ़िक बातें पता ना चले किसी को
इंसानियत को मार के लूट लिया जाता है

तेरी मेरी गलती में उलझी रही दुनिया
गुमराह करके झूठ बांट दिया जाता है

ये प्रतिलिपि का सफर भी कातिलाना है
एक स्टार दे के nice लिख दिया जाता है

---राजकपूर राजपूत''राज''


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