लोग ये क्या कर जाते हैं

log-kya-kar-jate-hai-लोग ये क्या कर जाते हैं - आजकल लोग तर्क के नाम पर अपनी सुविधाओं को स्थापित करने की कोशिश करते हैं । जानते, मानते कुछ भी नहीं । फिर सवाल ऊपर सवाल उठाते हैं । जिसे खुद ही जीना नहीं आया है । वहीं आदमी दूसरों को अपने शर्तों पर जीने के लिए विवश करते हैं । सियासत बुद्धि से संचालित व्यक्ति कभी बेहतर समाज का निर्माण नहीं कर सकते हैं । इस पर कविता 👇👇

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लोग ये क्या कर जाते हैं 



लोग ये क्या कर जाते हैं
सच को झूठ कर जाते हैं

जीना अभी सिखा ही नहीं
जिंदगी पे सवाल कर जाते हैं

कोई उन्हें भी बताओं यारों
खुद पे भरोसा जो कम कर जाते हैं

सिखाते हैं जो इश्क की बात
अक्सर वो कम समझ जाते हैं

नादानी में खेलते थे जो भाई
अक्लमंदी में मन भेद कर जाते हैं

जीते नहीं जो कभी किसी कायदे में
मासूमों की भावनाएं छलनी कर जाते हैं

__ राजकपूर राजपूत'राज'
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