(१)
shayari-in-hindi-by-heart
मैं कहूं कोई बात
तो वो समझे
ये कोई बात है
मैं न कहूं कोई बात
और वो समझे
तो कोई बात है
(२)
रिश्ते जाहिर करने से नहीं
छुपाने से बढ़ती है
प्यार दिखाने से नहीं
निभाने से बढ़ती है
(३)
लोग दावा करते हैं इश्क में
कोई बात नहीं है ऐसे शख्स में
एक दिन धोखा देगा मुझे यकीं है
ऐसे लोगों का भरोसा न कर इश्क में
(४)
वो आज भी धोखा देने में माहिर हैं
तेरे सामने न सही पीठ पीछे जाहिर है
अब तुम्हें इश्क है तो क्या कहूं राज़
वर्ना उसकी असलियत सामने ला देता मैं आज !!!
shayari-in-hindi-by-heart
हम सभ्य हो गए
जो बनना था बन गए
उन हिस्सों को ख़ाली कर दिया
जो हमें बनना नहीं था
नेगलेक्ट कर दिए
जैसे एक साहित्यकार को साहित्यकार मिले
और रचने लगीं रचनाएं
बिना पाठक के
खुश हो कर
जो बनना था बन गए
सियासतदानों के लिए
राजनीति छोड़ी
यही कह कर कि
राजनीति में सब जायज़ है
उसको छूट दी
जो बनना है
बन गए
कोई साधू
कोई आंतकी
कोई बिजनेस मैन
कोई गुंडा
और हम बचकर निकल गए
हमें जो बनना था
वो बन गए
लोकतांत्रिक व्यवस्था में
सबको छूट है
यही सभ्यता है !!!!
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