मुलाकात नहीं होगी अब क्या ghazal on love

ghazal on love

 बात नहीं होगी अब क्या

मेरी जरूरत नहीं होगी अब क्या

रिश्तों को तोड़कर जा रहे हो

मुलाकात नहीं होगी अब क्या

दगाबाजी करना कोई तुमसे सीखे

तेरी कीमत नहीं होगी अब क्या

मैं सबके सामने सच कह दूंगा

मगर सियासत नही होगी अब क्या

मेरी खुशी से दुश्मनों को जलन होगी

तेरे शहर में बगावत नहीं होगी अब क्या

रूक-रूक कर ख़्याल आऊंगा तुझे

तेरे सीने में मोहब्बत नहीं होगी अब क्या !!!!

ghazal on love

तुमने जब पहली बार हाथ मिलाया
तो लगा
जीवन अर्थ श्रेष्ठ है
तुम्हारा स्पर्श
रोमांचित कर गया
जैसे प्यासे आदमी
चलें आते हैं
नदी के पास
प्यास बुझाने
और नदी कीमत पहचान जाते हैं
बार-बार आने से बचने से
नदी किनारे घर बना लेते हैं
ठीक इसी तरह मैं
तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं
क्योंकि मैं प्यासा हूं
सफर नहीं कर सकता हूं
बार-बार !!!!!

कई बार
"आई लव यू" कहने से
बेहतर होता है
हिन्दी में "प्यार करता हूं "
कहना
सामने वालों को सुनना
कम-से-कम बचा जा सकता है
पढ़ें लिखे पाखंड से
मूल मिट्टी की निवासी की तरह !!!!
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