सबकी अपनी-अपनी कामनाएं हैं

सब एक समान नहीं रहता
जैसे उंगलियों में असमानताएं हैं
वैसे ही सबके इरादे अलग-अलग
और सबकी अपनी कामनाएं हैं

वक्त बदलता है हालात बदलते हैं
जैसे पतझड़ में पेड़ों से पत्ते बदलते हैं
लोग मुबारक हो कहते हैं सबको
जब नया साल में कलैंडर बदलते हैं
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