उसकी अदाओं में Poetry in her Style Hindi

Poetry in her Style Hindi  

उसकी अदाओं में मत जा यूॅ॑ ही हॅ॑स देते हैं
बातें कुछ समझे नहीं और हाॅ॑ कह देते हैं

कितने लोगों से रोज़ मुलाकात होती हैं मेरी
रिश्तों की समझे नहीं और हाथ मिला देते हैं

कई लफ़्ज़ों को यहां संजीदगी से नहीं लेते यारों
हाॅ॑, फ़ालतू के सवालों पर जवाब नहीं देते हैं

वक्त गुजरता नहींं वो टाइम पास ही करते हैं
पढ़ते हैं ख़बरें और ग़लत में ही ध्यान देते हैं

बेवजह ही दौड़ने की आदत हो गई हैं सबकी
चाहत न हो दिल में तो सुख- चैन कहां देते हैं

अजीब चाहतों से दब गऐ हैं आजकल के लोग
बुरे शख्सियत को भी दूआ-सलाम कर देते हैं

खुद पे यकीन रखो 'राज'ये आसमां झुक जाएगा
काबिल नहीं जो वो दूसरों के मजाक उड़ा देते हैं !!!

Poetry in her Style Hindi  


बिना सोचे, बिना समझे राय रखना
अपने पास ज्ञान का अहंकार रखना 

जिसे अब तक कह रहे थे अपने
वो समझते हैं हर बातों पे मतलब रखना
स्वीकृति मिली मगर अनजान रहे
मुश्किल है अब मेरा प्यार रखना
सब चीजों के लिए जगह है
बस भुल गया प्यार रखना
अभी आकर बना लेंगे
सच्चा प्यार पे भरोसा रखना  !!!

समझदारी की बातें न कर

दुनिया मतलबी है इतना डर
रिश्तों को मजबूत कर लें
सिर्फ खुद पे भरोसा कर !!!

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____राजकपूर राजपूत 'राज'
Poetry in her Style Hindi


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