अपनी धुन में

जिसने चाहा है बड़ी शिद्दत से
जिसने पूजा की है दिल से

वो संवारते हैं अपने ख्वाबों को
हर पल, दिन हो या रात हो

जिसने जिंदगी मान ली है अपनी
जिसने दुनिया की बात नहीं मानी

चला जाता है वो अपनी ही धुन में
अपनी जिंदगी के सुख-दुख में
निरंतर अपने प्रयास में

खुद से गुफ्तगू करते हुए
कुछ ख़्वाब सजाते हुए
---राजकपूर राजपूत''राज''
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