Man's Status Poem
आदमी की औकात
उसकी बातें नहीं है
उसके कार्य है
जो समय समय पर
निर्धारित करते हैं !!!
अपनी औकात को बड़ी तो मानते हैं
नहीं सुनी जाती किसी की
उसने औकात अपनी इतनी बढ़ाई है
वो आदमी नहीं बन पाया किसी का !!!
Man's Status Poem
गिरने वाले खड़े हैं
फिर भी लड़े हैं
गिराने वाले गिर गए
हम तो हौसला लेकर चले हैं !!!
न सुनने की आदत
न कहने की आदत
जिसमें अधिक
अहंकार में जीने की आदत
वो कभी किसी का हो नहीं सकता
कुछ नहीं फिर भी
धोखे में जीने की आदत !!!
आदमी की औकात
शिकायत उनकी भी है
जो बेईमान है
उसके बेइमानी सफल नहीं हुए हैं
कई बार !!!!
उनकी शिकायत सुनी कई बार
जो बेमानी में असफल हुए कई बार
उसकी मनमानी चलें न कई बार
औकात को चोट लगी कई बार
कैसे भरोसा करें उस पर
जो गिरकर औकात दिखाते हैं कई बार
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